नैनीताल, अक्टूबर 29 -- उत्तराखंड हाई कोर्ट ने पॉक्सो से संबंधित एक मामले में बिना सबूत के एक आरोपी को दोषी ठहराए जाने के अधीनस्थ न्यायालय के फैसले पर कड़ी नाराजगी जताई और आरोपी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। हाई कोर्ट ने टिप्पणी की मामले में किसी प्रत्यक्षदर्शी की कोई गवाही भी नहीं हुई। पीठ ने अधीनस्थ न्यायालय के आदेश को आश्चर्यजनक बताया। कहा कि पीड़िता ने अपनी गवाही में आरोपी के साथ किसी भी तरह का शारीरिक संबंध होने से साफ इनकार किया था। मुख्य न्यायाधीश जी नरेन्द्र और न्यायमूर्ति आलोक माहरा की खंडपीठ ने आरोपी रामपाल द्वारा दायर अपील पर सुनवाई करते हुए अधीनस्थ न्यायालय के फैसले पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि यह अपर्याप्त सबूत का मामला नहीं बल्कि सबूत न होने का मामला है। यह भी पढ़ें- बगैर पिता की सहमति से रिन्यू होंगे बच्चों के पासपो...