नई दिल्ली, नवम्बर 8 -- नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि बलात्कार के मामलों में पीड़िता के चरित्र (चाहे वह कितना भी दागदार क्यों न हो) को उसके खिलाफ हथियार नहीं बनाया जा सकता। न्यायमूर्ति अमित महाजन की पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि यहां तक कि जो महिला या युवती कुछ पैसे के बदले किसी व्यक्ति के साथ जाती है वह भी बलात्कार की शिकार हो सकती है। यह टिप्पणी अदालत ने उस विवाहित आरोपी की याचिका पर सुनवाई के दौरान दी, जिसने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की मांग की थी। आरोपी पर शादी का झूठा वादा कर दुष्कर्म और अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप है। शिकायतकर्ता महिला ने कहा कि आरोपी ने उसकी ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उसका यौन उत्पीड़न किया और फिर झूठे विवाह वादे पर शारीरिक संबंध बनाए रखे।...