रांची, मार्च 1 -- रांची, संवाददाता। रिम्स नेत्र रोग विभाग द्वारा शनिवार से डायबिटिक रेटिनोपैथी पर शुरू की गई दो दिनी कार्यशाला में डायबिटिक रेटिनोपैथी के बचाव व इलाज पर चर्चा हुई। रिम्स नेत्र रोग विभाग के हेड डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि इसमें पीजी छात्रों को इंट्राविट्रियल इंजेक्शन पर विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इसे डायबिटिक रेटिनोपैथी के इलाज में काफी कारगर माना जाता है। डॉ. पद्मजा कुमारी ने डायबिटिक मरीजों को साल में एक बार आंखों की जांच जरूर कराने की सलाह दी। वहीं, रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार ने डायबिटिक मरीजों को सजग रहने पर बल दिया। विट्रियोरेटिना सोसाइटी ऑफ इंडिया की मदद से रांची ऑप्थेलमिक फोरम द्वारा हो रहे आयोजन का उद्घाटन डॉ. राजकुमार ने किया। मुख्य अतिथि हैदराबाद के रेटिना विशेषज्ञ डॉ. पद्मजा कुमारी रानी थीं। मधुमेह दृष्टिहीनता से ब...