गुमला, मई 24 -- कामडारा शहाब अली एक समय पीएलएफआई उग्रवादियों का गढ़ रहे गुमला जिले के कामडारा प्रखंड स्थित रेड़वा गांव अब शांति और विकास की नई मिसाल बन रहा है। जहां पहले जंगल,गोलीबारी और डर का माहौल था,वहीं अब मधुमक्खियों की गुनगुनाहट और आदिम जनजाति की महिलाओं की मेहनत की मिठास बिखर रही है।रेड़वा गांव की पहचान अब मधुमक्खी पालन और शुद्ध मधु उत्पादन से बन रही है। केंद्र सरकार की नेशनल बी कीपिंग हनी मिशन योजना, उद्यान विभाग गुमला और गैर-सरकारी संस्था प्रदान के संयुक्त प्रयासों से गांव की तस्वीर बदल रही है। मार्च 2025 में रेड़वा पंचायत भवन में 25 महिलाओं को एक सप्ताह का प्रशिक्षण दिया गया। जिनमें 21 महिलाएं आदिम जनजातियों से हैं। प्रशिक्षण के बाद उन्हें 15 मधुमक्खी बक्से,मास्क,दस्ताने और अन्य जरूरी उपकरण नि:शुल्क उपलब्ध कराए गए।इन महिलाओं ने ...