नई दिल्ली, अक्टूबर 14 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि उसे पीएफआई की एक याचिका पर जारी आदेश के अनुसार गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ याचिका पर विचार करने का अधिकार है। हाईकोर्ट ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) द्वारा उस न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को विचारणीय मानते हुए कहा कि न्यायाधिकरण को सौंपे गए कार्यों की तुलना सिविल कोर्ट के कार्यों से नहीं की जा सकती। अपने आदेश में हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को एक नोटिस भी जारी कर छह सप्ताह में जवाब देने को कहा। केंद्र ने आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकवादी संगठनों के साथ कथित संबंधों और देश में सांप्रदायिक नफरत फैलाने की कोशिश करने के आरोप में पीएफआई पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया था। पीएफआई ने तर्क दिया कि याचिका विचारणीय नहीं है क्योंकि यूएपीए न्याय...