विकासनगर, जून 27 -- वन पंचायत निगमा और वन पंचायत मैन्द्रथ के लोग पिरुल के जरिए अब अपनी आमदनी बढ़ाएंगे। दोनों वन पंचायतों का सेलाकुई की एक प्राइवेट कंपनी रेवती सस्टेनविलिटी से अनुबंध हो चुका है। कंपनी वन पंचायतों से दस रुपये प्रति किलो के हिसाब से पिरुल खरीदेगी। दोनों वन पंचायतों में दो पिरूल एकत्रीकरण केंद्र खोले गए हैं। जहां पिरुल तुलान का कार्य शुरू हो चुका है। उत्तराखंड में चीड़ बहुल क्षेत्रफल होने से प्रदेश मे वनाग्नि विकराल समस्या बन चुकी है। जिससे बड़े स्तर पर वन संपदा और जैव विविधता को नुकसान पहुंच रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार की ओर से पिरुल एकत्रीकरण योजना शुरू करने की घोषणा की थी। जिसको चकराता वन प्रभाग के दो पंचायतों में धरातल पर उतारने का काम वन विभाग ने शुरू कर दिया है। चकराता वन प्रभाग की दो वन पंचायतों निमगा बाबर...
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