गंगापार, जून 28 -- ग्रामीण पेयजल योजना के तहत मांडा के पियरी गांव में बना पेयजल समूह 11 वर्षों से शोपीस बना हुआ है। पेयजल समूह के ज्यादातर उपकरण व विशालकाय टंकी निरंतर ध्वस्त होती जा रही है। पूरे पेयजल समूह परिसर में झाड़ झंखाड़ और कूड़े का अंबार है। मांडा विकास खंड के दक्षिणी पहाड़ी क्षेत्र में स्थित पियरी गाँव में वर्ष 2014 में साढ़े सात करोड़ के लागत से निर्मित पेयजल समूह निर्माण के बाद से ही बंद हो जाने से ग्रामीणों में काफी निराशा व्याप्त है। इस समूह परिसर में स्थित ट्रांसफार्मर, मशीन, बोरिंग व आवासीय तथा मशीन के कमरों की हालत देखरेख के अभाव में बेहद खराब है। परिसर में झाड़ झंखाड़ फैले हुए हैं। कमरों और बाउंड्री में अराजक तत्वों, मवेशियों और आवारा कुत्तों का डेरा रज्ञने से गंदगी भरी रहती है। जब यह पेयजल समूह और इसकी विशालकाय टंकी बनक...