बुलंदशहर, सितम्बर 7 -- पितृ पक्ष की पूर्णिमा पर नरौरा, रामघाट और राजघाट गंगा तटों पर हजारों श्रद्धालुओं ने स्नान कर अपने पितृों को जलांज्जलि दे प्रसन्न कर पितृ दोष से मुक्त होने का मार्ग प्रशस्त किया। रविवार को पूर्णिमा पर गंगा तटों पर स्नानार्थियों की भीड़ रही। श्रद्धालुओं ने काले तिल, जौ और चावल इत्यादि से गंगा किनारे तर्पण कराए। नरवर संस्कृत महाविद्यालय के पूर्व आचार्य महेश प्रकाश शर्मा ने बताया कि जैसे देवताओं को प्रसन्न करने से अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है उसी प्रकार पितरों को प्रसन्न करने से समस्त सुख सम्पदा मिलती है। तो पितरों को प्रसन्न करने का 15 दिनों का समय पूर्णिमा से आया है। इस दौरान पितरों का तर्पण और श्राद्ध करना महत्वपूर्ण हैं। ऐसा करने से संतान व धन वृद्धि होती है। संपूर्ण बाधाओं से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है। इसी मान्...