वाराणसी, नवम्बर 28 -- वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। बीएचयू के वेद विभाग में आयोजित श्राद्ध-कर्म विमर्श विषयक दस दिवसीय कार्यशाला का गुरुवार को संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में समापन हुआ। मुख्य वक्ता आचार्य राममूर्ति चतुर्वेदी ने श्राद्ध कर्म पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जैसे देव कार्यों में मनुष्य लगा रहता है, वैसे ही पितृ कार्यों में भी श्रद्धापूर्वक अनुष्ठान जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह सनातन धर्म का श्रद्धा से जुड़ा अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है जिसका धीरे-धीरे ह्रास हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज श्राद्ध कर्म के ज्ञाता बहुत कम रह गए हैं। मुख्य प्रशिक्षक वेद विभाग के अतिथि अध्यापक डॉ. उमापति मिश्र ने श्राद्ध के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। विभागाध्यक्ष प्रो. सुनील कात्यायन ने बताया कि इन 10 दिनों में आचार्य हृदय रंजन शर्मा, आचार्य महेंद्र...