नई दिल्ली, सितम्बर 6 -- 7 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा के साथ पितृपक्ष आरंभ होगा। इसके आरंभ होने के दिन ही पूर्ण चंद्रगहण का योग भी है। सनातन धर्म में पितरों के श्राद्ध और तर्पण के लिए पितृपक्ष को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार मनुष्यों के लिए देव ऋण, पितृ ऋण, ऋषि ऋण माने गए हैं। मातृ माता-पिता आदि के उद्देश्य से श्रद्धा पूर्वक जो प्रिय भोजन दिया जाता है वह श्राद्ध कहलाता है। श्राद्ध करने से कुल में वीर, निरोगी, शतायु एवं श्रेय प्राप्त करने वाली संततियां उत्पन्न होती हैं। इस बार 7 सितंबर भाद्र पूर्णिमा या श्राद्ध पूर्णिमा से पितृपक्ष की शुरुआत होगी और आश्विन कृष्ण अमावस्या यानी 21 सितंबर तक पितरों का तर्पण और श्राद्ध किया जाएगा। मृत्यु की तिथि के अनुसार पक्ष की खास तिथि को तर्पण दिया जाता है। इसमें कुश के बने उपकरणों से...