सीवान, सितम्बर 22 -- दरौली, एक संवाददाता। दरौली सरयू नदी के पंचमन्दिरा घाट पर पितृपक्ष के अंतिम दिन रविवार को हजारों श्रद्धालुओं ने स्नान कर अपने पितरों का जलातर्पण व पिंडदान किया। ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष में पितर पृथ्वी पर आ जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष में पितर पृथ्वी पर आ जाते हैं। ऐसे में परिजनों की ओर से उन्हें पिंडदान और तर्पण कर तृप्त किया जाता है। अपने वंशजों से पिंड प्राप्त करने के बाद पितर तृप्त होकर स्वर्गलोग को चले जाते हैं। पितृपक्ष में पिंडदान की महता को आचार्य सर्वेश्वर चौबे ने बताया की हिंदू धर्म में पितृपक्ष के दौरान पितरों की पूजा और पिंडदान का बहुत महत्व है। उन्होंने बताया कि मनुष्यों का जैसे आहार अन्न है। वैसे हीं पितरों का आहार अन्न का सारतत्व अर्थात गंध और रस है। वे अन्न व जल का सारतत्व ही ग्रहण करते हैं। ...
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