नई दिल्ली, नवम्बर 28 -- पिता और बेटी का रिश्ता बेहद खास होता है क्योंकि यह भावनात्मक सुरक्षा, आत्मविश्वास और जीवन के मूल्यों की नींव रखता है। जैसे-जैसे बच्ची बड़ी होती है, यह रिश्ता उसकी भावनात्मक बुद्धिमानी, सामाजिक व्यवहार और आत्मसम्मान पर गहरा प्रभाव डालता है। इस संबंध को मजबूत बनाने के लिए पिता की भूमिका मार्गदर्शक, दोस्त और संरक्षक- तीनों रूपों में महत्वपूर्ण होती है।सबसे पहले, गुणवत्तापूर्ण समय बिताना पिता-बेटी के रिश्ते की जड़ें मजबूत करता है। दिन में कुछ मिनट भी अगर बिना मोबाइल और व्यस्तता के बेटी को दिए जाएं तो वह पिता पर अधिक भरोसा करती है।उसकी बात ध्यान से सुनना बेहद महत्वपूर्ण है। बेटियां तभी खुलकर बात करती हैं, जब उन्हें पता हो कि उनके पिता उनकी भावनाओं को समझते हैं।बेटी की पसंद और सपनों को सपोर्ट करना उसके आत्मविश्वास को बढ़...
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