नई दिल्ली, जुलाई 17 -- सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक वैवाहिक विवाद और बच्चे की कस्टडी से जुड़े मामले में अपने ही फैसले को सालभर के अंदर पलट दिया है। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की पीठ ने कहा कि पिछले साल अग्सत में पिता को दिए गए कस्टडी के आदेश से बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ा है, और बच्चा चिंता एवं अवसाद से ग्रस्त है। इसलिए, मां की पुनर्विचार याचिका को स्वीकार करते हुए बच्चे की कस्टडी अब मां को दी जाती है। 15 जुलाई को मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने माँ द्वारा अपने 12 वर्षीय बेटे की स्थायी अभिरक्षा के लिए दायर पुनर्विचार याचिका को स्वीकार कर लिया। इस याचिका में मां ने बेटे को उसके जैविक पिता को सौंपने के कोर्ट के पूर्व आदेश के खिलाफ अपील की थी। इस याचिका में अलगाव की संभावना से बच्चे को होने वाली परेशानियों औ...