लखनऊ। इरफान गाजी, जून 18 -- जुल्म का सामना किया, पर हार नहीं मानी। आज वो कामयाबी के शिखर पर हैं। ये बेटियां हैं, जो दुख सहकर भी मुस्कराती हैं। ये बेटियां हैं, जो हर मुश्किल से जीत जाती हैं। किसी शायर की ये चंद लाइनें लखनऊ की लाडली (बदला नाम) की जिंदगी पर सटीक बैठती हैं। वह सिर्फ छह साल की थी, तब उसके पिता ने ही शराब के नशे में उसके साथ हैवानियत कर डाली। नन्हीं सी इस जान को तब पता भी नहीं था, कि आखिर उसके साथ यह हो क्या रहा। उसके पिता की यह हरकत यहीं पर नहीं रुकी। लाडली को 16 साल की उम्र तक वह अपना शिकार बनाता रहा। जब लाडली बड़ी हुई समझ आई कि उसके साथ जुल्म हो रहा है, तो उसने मुंह खोलने की हिम्मत की। उसे मारपीट और डरा-धमका कर चुप करा दिया गया। लाडली सबकुछ चुपचाप सहती रही। हैवान पिता ने इसकी खबर परिवार के किसी अन्य सदस्य को भी नहीं होने दी।...