नोएडा, नवम्बर 27 -- एक पिता ने शीर्ष अदालत से वेंटिलेटर पर पड़े बेटे का इलाज रोकने की इजाजत मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नोएडा के जिला अस्पताल को एक प्राइमरी मेडिकल बोर्ड बनाने और दो सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। मेडिकल बोर्ड इस बात पर विचार करेगा कि क्या 31 साल के एक युवक का इलाज रोककर या लाइफ सपोर्ट हटाकर प्राकृतिक रूप से मरने के लिए छोड़ा जा सकता है? जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल को मेडिकल बोर्ड बनाने का निर्देश देते हुए कहा कि 31 साल का युवक 100 फीसदी दिव्यांगता यानी क्वाड्रिप्लेजिया से पीड़ित है और करीब 12 साल से वेजीटेटिव स्टेट में है। जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि इस अर्जी में कही गई बातों और याचिकाकर्ता के वकील की बातों पर गौर करने से ऐसा लगता है कि 'युवक' की ...