नई दिल्ली, नवम्बर 26 -- सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नोएडा के जिला अस्पताल को एक प्राइमरी मेडिकल बोर्ड बनाने का निर्देश दिया। बोर्ड इस बात पर विचार करेगा कि क्या 31 साल के एक युवक का इलाज रोककर या लाइफ सपोर्ट हटाकर प्राकृतिक रूप से मरने के लिए छोड़ा जा सकता है? युवक पिछले कई सालों से वेजिटेटिव स्टेट में है। शीर्ष अदालत ने युवक के पिता की ओर से दाखिल अर्जी पर विचार करते हुए मेडिकल बोर्ड गठित करने और दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने नोएडा के सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल को मेडिकल बोर्ड बनाने का निर्देश देते हुए कहा कि 31 साल का युवक 100 फीसदी दिव्यांगता यानी क्वाड्रिप्लेजिया से पीड़ित है और करीब 12 साल से वेजीटेटिव स्टेट में है। जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि इस अर्जी में क...