संभल, फरवरी 16 -- कभी मौलाना बनने का सपना देखने वाले संभल के सना उल हक उर्फ आसिम उमर ने ऐसी राह चुनी, जिसने उसके परिवार का सिर झुका दिया। परिवार का बड़ा बेटा इंजीनियर बना, दूसरा शिक्षक, लेकिन तीसरे बेटे सना उल हक ने जिहाद की राह पकड़ ली और ग्लोबल आतंकी बन गया। अमेरिकी और अफगान सेना ने उसका खात्मा कर दिया, लेकिन जब यह खबर संभल पहुंची, तो उसे जानने वाले अवाक रह गए थे। सना उल हक शुरू से ही दीनी तालीम को अहमियत देता था। वर्ष 1986 में जब वह कक्षा 8 में पढ़ रहा था, तभी उसने स्कूल के पास स्थित मस्जिद में हाफिज की पढ़ाई शुरू कर दी। इसके बाद वह देवबंद चला गया, जहां उसने छह साल तक पढ़ाई की। परिवार को उम्मीद थी कि वह मौलाना बनकर समाज की सेवा करेगा। सना उल हक ने वर्ष 1991 में पिता से कहा कि वह सऊदी अरब जाकर पढ़ाई करना चाहता है। पिता ने आर्थिक स्थिति ...