नई दिल्ली, अगस्त 4 -- झारखंड के दिशोम गुरु यानी शिबू सोरेन का 81 साल की उम्र में निधन हो गया।4 जुलाई दिल्ली के अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। झारखंड राज्य की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने वाले शिबू सोरेन को झारखंड में दिशोम गुरु के नाम से जाना जाता है। दिशोम गुरु यानी जंगल का नेता। लेकिन ये उपाधि उन्हें क्यों दी गई। ये जानने के लिए हमें उनके जीवन पर नजर डालनी होगी। 11 जनवरी 1944 को जन्में शिबू सोरेन की लड़ाई तब शुरू हुई जब अविभाजित बिहार यानी आज के झारखंड में महाजनी प्रथा अपने चरम पर थी और साल 1957 में उनके पिता की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद उन्होंने महजनों और सूदखोरों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया। वह नेमरा गांव के रहने वाले थे लेकिन उनकी मुहिम की गूंज ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बिहार तक पहुंचने लगी। इस आंदोलन के शिबू सोरेन ने आदिवासी समाज...