कानपुर, सितम्बर 15 -- कानपुर। प्रमुख संवाददाता सनातन साहित्य संगम की ओर से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन आचार्य डॉ. सर्वेश द्विवेदी ने पितृपक्ष के महत्व के बारे में जानकारी दी। कहा, पितरों को प्रसन्न करने के लिए देसी गाय के दूध से बनी खीर अर्पित करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। आचार्य डॉ. द्विवेदी ने कहा कि जीवन में कुछ पुण्य समाप्त हो जाते हैं लेकिन कुछ ऐसे होते हैं जिनका कभी अंत नहीं होता। पितरों का ऋण ऐसा ही है, जिससे कभी मुक्ति नहीं पाई जा सकती। उन्होंने कहा कि हमारे पितृ हमें जीवन, शिक्षा और सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। इसलिए उनके उपकार के प्रतिदान के बारे में सोचना भी अनुचित है। कार्यक्रम के दौरान सनातन साहित्य संगम के संरक्षक प्रदीप मिश्रा ने बताया कि मंगलवार को कथा में भगवान प्रह्लाद और ध्रुव चरित्र का प्र...