शामली, मार्च 18 -- निर्बल इण्डियन शोषित हमारा आम दल के पदाधिकारियों ने एडीएम न्यायिक को ज्ञापन देकर उप्र अधिनियम संख्या-4 सन 1994 का अनुपालन कराने की मांग की है। एडीएम न्यायिक परमानंद झा को दिए ज्ञापन में कहा कि शासनादेश के अनुसार उप्र लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम-1994 उप्र अधिनियम संख्या-4 सन 1994 में संशोधित कर निषाद, केवट, मल्लाह, कश्यप, कहार, धीमर, बिन्द, बाथम, तुरहा, गोड़िया, मांझी, मछुआ जातियों को पिछड़ी जाति की सूची से निकाल दिया गया है, लेकिन फिर भी जनपद एवं तहसील स्तर पर विशेष रूप से तहसीलदार द्वारा नियम विरूद्ध उपरोक्त संशोधन का अनुपालन न करते हुए उपरोक्त जातियों को पिछड़ी जाति का प्रमाण-पत्र जारी हो रहा है जो नियमानुसार गलत एवं असंवैधानिक है तथा राज्यपाल द्वारा जारी अधि...