सिमडेगा, अगस्त 5 -- सिमडेगा, प्रतिनिधि। त्रि स्तरीय पंचायत जन प्रतिनिधियों को मिलने वाला विकास फंड पिछले डेढ़ वर्षों से नहीं आया है। वहीं मानदेय या किसी तरह का प्रोत्साहन राशि भी अधिकतर जन प्रतिनिधियों को नहीं मिल रहा है। विकास फंड एवं मानदेय नहीं मिलने के कारण गांव का छोटा-मोटा विकास कार्य ठप हो गया है। फंड और मानदेय न मिलने के कारण कई जनप्रतिनिधियों के समक्ष भूखे सोने की नौबत पहुंचने लगी है। पंचायती राज व्यवस्था का मूल स्तंभ माने जाने वाले त्रि स्तरीय पंचायत जन प्रतिनिधि आज सबसे उपेक्षित प्रतिनिधि बन गए हैं। जिन ग्रामीणों ने विश्वास के साथ उन्हें वोट देकर गांव की कमान सौंपी थी। उन्हीं के सामने अब उन्हें शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। इससे गांव की छोटी-छोटी जरूरतें तक पूरी नहीं हो पा रही हैं। नाली, पीसीसी निर्माण, सोलर लाइट मरम्मत, ...
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