शैलेन्द्र सेमवाल। देहरादून, दिसम्बर 26 -- अंटार्कटिका में तेजी से पिघल रही बर्फ भारतीय मानसून के पैटर्न को बदल सकती है। एक नए अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान देहरादून और बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान लखनऊ के वैज्ञानिकों ने यह अध्ययन किया है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इंटरट्रॉपिकल कन्वर्जेंस जोन यानी प्रमुख वर्षा पट्टी दक्षिण की तरफ खिसक रही है। इससे भारतीय मानसून का पैटर्न प्रभावित हो रहा है। भविष्य में इसकी रफ्तार बढ़ सकती है। इसका असर कृषि, जल सुरक्षा और लाखों लोगों की आजीविका पर पड़ेगा। यह अध्ययन नागालैंड की लाइसोंग संरचना से मिली लगभग 3.4 करोड़ वर्ष पुरानी जीवाश्म पत्तियों पर आधारित है। वैज्ञानिकों ने क्लाइमेट लीफ एनालिसिस मल्टीवेरिएट प्रोग्राम तकनीक से करोड़ों वर्ष पहले जैसी जलवायु का निर्माण कर इ...
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