बदायूं, अक्टूबर 6 -- गांव पिंडोंल में शनिवार की रात श्रीरामलीला का उद्घाटन मेला अध्यक्ष पं. सत्यप्रकाश शर्मा ने फीता काट कर किया। नारद मोह के साथ लीला का मचन किया गया। प्रारंभ हुआ। नारद जी अपनी तपस्या से जीत कर वह सीधे भगवान विष्णु के पास क्षीर सागर में पहुंचे और भगवान विष्णु से कहा कि मैने कामदेव और कालदेव को जीत लिया है। भगवान विष्णु ने महसूस किया कि नारद जी को अभिमान हो गया है तब उन्होंने नारद जी के अभियान को दूर करने के लिए उन्होंने अपनी माया से श्रीनिधि नगर को बसाया और वहां के राजा श्रीनिधि हुए और उनकी बेटी विश्व मोहनी नाम की कन्या हुई। भाग्य रेखा देखते ही नारद जी मोहनी पर मोहित हो जाते हैं। तब नारद जी भगवान विष्णु के पास उनका रूप मांगने के लिए जाते हैं। भगवान विष्णु नारद जी को अपना वानर का रूप दे देते हैं। नारद जी श्री निधि नगर मे प...