वाराणसी, नवम्बर 13 -- वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। कमच्छा स्थित वसंत कन्या महाविद्यालय में क्षेत्रीय पुरातत्व इकाई के सहयोग से आयोजित छह दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के चौथे दिन गुरुवार को छात्राओं ने पुरा इतिहास के विविध पहलुओं को जाना। प्रो. विदुला जायसवाल ने छात्राओं को बताया कि पाषाण उपकरणों के आकार परिवर्तन, पत्थरों के चयन और तकनीक के उपयोग में मानवीय बुद्धि के विकास और पर्यावरणीय कारकों की बहुत बड़ी भूमिका है। कार्यशाला में दिन के दो अन्य सत्रों में प्रतिभागियों ने टूल-ड्राइंग की बारीकियों को समझा। बीएचयू के राम बदन और शिव कुमार ने पाषाण उपकरणों के दस्तावेजीकरण का कौशल सिखाया। अतिथि वक्ता डॉ. तोशाबन्ता पधान का सम्मान प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव ने किया। प्राचार्य ने उत्तर प्रदेश पुरातत्व विभाग की निदेशक डॉ. रेनू द्विवेदी का संदेश भ...