कुशीनगर, फरवरी 20 -- कसया, हिन्दुस्तान संवाद। शास्त्रीय व सिनेमाई कथक पर गहरी पकड़ रखने वाले व पद्मविभूषण स्व. पंडित बिरजू महाराज की विरासत के उत्तराधिकारी पंडित जयकिशन महाराज ने कहा है कि पाश्चात्य नृत्य से शास्त्रीय कथक की कोई तुलना नहीं है। कथक रोटी है तो पाश्चात्य नृत्य पिज्जा है। पिज्जा कभी-कभी की चीज है जबकि रोटी संगिनी है। कथक में कालका बिंदादीन घराने की आठवीं पीढ़ी के पंडित जयकिशन बुधवार की सुबह पूर्व सांसद राजेश पांडेय के आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कथक को भगवान कृष्ण की सोलह कलाओं को भाव व नृत्य के माध्यम की गई प्रस्तुति बताया। कहा कि कथक भारतीय जनमानस के रग रग में समाया है। पाश्चात्य नृत्य से इसकी तुलना नहीं की जा सकती है। पुरानी फिल्मों में भरतनाट्यम का दौर था। पाकीजा, तीसरी कसम, छनक छनक पायल बाजे, मुगले आज...
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