लखनऊ, जुलाई 30 -- पावर कॉरपोरेशन के निदेशक (वित्त) निधि कुमार नारंग को चौथा सेवा विस्तार नहीं मिलेगा। ऊर्जा विभाग ने पावर कॉरपोरेशन द्वारा भेजा गया प्रस्ताव औचित्यहीन बताते हुए खारिज कर दिया है। नारंग को ही सलाहकार कंपनी के लिए टेंडर मूल्यांकन समिति का अध्यक्ष बनाया गया था और वह ही निजीकरण की प्रक्रिया के नोडल हैं। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने निधि नारंग द्वारा निजीकरण के संबंध में लिए गए सभी फैसले निरस्त करके उनके कार्यकाल में लिए गए सभी वित्तीय फैसलों की जांच करवाने की मांग की है। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि हम मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने चौथी बार सेवा विस्तार की अनुमति नहीं दी। निजीकरण के लिए बनाए गए दस्तावेज बड़े घोटाले का हिस्सा हैं, इसलिए हम मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि वह उनकी ज...