बरेली, सितम्बर 28 -- बरेली। रेबीज संक्रमण के खतरे को पालतू जानवरों के बदलते बर्ताव ने और बढ़ा दिया है। जिले में बीते तीन साल से हर वर्ष औसतन एक लाख लोग राजकीय अस्पतालों में एआरवी लगवाने आते हैं। इसमें ऐसे लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है जो पालतू बिल्ली, कुत्ते के हमले में घायल हो रहे हैं। हर साल 28 सितंबर को वल्र्ड रेबीज डे मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को रेबीज के खतरे के प्रति सचेत करना है। एआरवी लगवाने वाले मरीजो की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब जिला अस्पताल में भी एआरवी क्लिनिक का संचालन शुरू हो गया है। आमतौर पर रेबीज संक्रमण के मामलों को कुत्ते और बंदरों से जोड़कर देखा जाता है लेकिन हाल के दिनों में बिल्लियों के हमले की घटनाएं भी तेजी से बढ़ी है। आईडीएसपी यूनिट के एपीडेमियोलाजिस्ट डॉ. मीसम अब्बास ने बताया कि कई बार लोग पालतू जानवरों क...