गुमला, जून 12 -- पालकोट, प्रतिनिधि। देव पूर्णिमा के अवसर पर पालकोट स्थित जगन्नाथ महाप्रभु मंदिर और अटल बलि मंदिर में विधि-विधान पूर्वक देव स्नान अनुष्ठान हुआ। इस दौरान तीनों विग्रहों को 108 कलशों और पंचामृत से स्नान कराया गया। अनुष्ठान का नेतृत्व आचार्य राधामोहन देवघरिया, मुरलीधर होता, ऋषिकेश सारंगी, बंसीधर सारंगी और कुमुद सारंगी ने किया। परंपरा अनुसार स्नान के पश्चात विग्रहों को ज्वर हो जाता है, जिसके कारण वे 15 दिनों के लिए अज्ञातवास में चले जाते हैं। इस अवधि में पूजा-पाठ स्थगित रहता है और सेवकों द्वारा औषधीय काढ़े से विग्रहों का उपचार किया जाता है। अज्ञातवास की समाप्ति पर नेत्र उत्सव के साथ विग्रहों के पुनः दर्शन होते हैं, जिसके पश्चात रथयात्रा का आयोजन किया जाएगा। देव स्नान को लेकर मंदिरों को सुंदर ढंग से सजाया गया था और भक्तों में उत्...