नई दिल्ली, दिसम्बर 18 -- कभी हल्की-सी बहस, तो कभी किसी बात पर मतभेद- रिश्तों में यह सब होना आम है। लेकिन जब किसी बहस के बाद आपका पार्टनर अचानक आपसे बात करना बंद कर दे, आपको इग्नोर करने लगे या पूरी तरह चुप्पी साध ले, तो यह स्थिति भावनात्मक रूप से काफी तकलीफदेह हो सकती है। सामने वाला ना जवाब दे, ना बातचीत करे, बस आंखें घुमा दे या ठंडी प्रतिक्रिया दे, तो यह साइलेंट ट्रीटमेंट एक बड़ी कम्युनिकेशन दीवार बन जाता है। HT Lifestyle से बातचीत के दौरान रिलेशनशिप एक्सपर्ट और डेटिंग ऐप Aisle की हेड चांदनी गगलानी बताती हैं कि रिश्तों में चुप्पी कोई समाधान नहीं है। उनके अनुसार, मजबूत रिश्ते आपसी सहयोग और खुली बातचीत से ही टिके रहते हैं। वे साफ कहती हैं कि भावनात्मक अनुपलब्धता (emotional unavailability) को अब नॉर्मल मानने का दौर खत्म हो चुका है।साइलेंट ट्...