सुपौल, मई 15 -- सुपौल, वरीय संवाददाता। महात्मा गांधी चिल्ड्रेन पार्क को बच्चों के लिए मस्ती और खेलकूद के लिए एक बेहतर विकल्प की सोच से बनाया गया था, लेकिन अब पार्क में जाने के बाद बच्चों और अभिभावकों को मायूसी हो रही है। लोग जिस उम्मीद से चिल्ड्रेन पार्क जाते हैं, वहां वैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। पार्क में स्लाइडर, झूला सहित अन्य खेलकूद की चीजें क्षतिग्रस्त हैं। कई बार क्षतिग्रस्त स्लाइडर और झूलों में बच्चे घायल हो रहे हैं। पार्क में प्रवेश के लिए दस साल से कम उम्र के बच्चों को 5 रुपए और 10 साल से अधिक उम्र के लोगों को दस रुपए का टिकट लेना पड़ता है। लोगों का कहना है कि शहर में इसके अलावा कोई अन्य पार्क नहीं है। कम से कम बच्चों के लिए पार्क में सुविधाओं को बढ़ाया जाना चाहिए। वर्ष 2018 में 49.85 लाख रुपए की लागत से बनी चिल्ड्रेन पार्क का मु...