रांची, मई 25 -- रांची, वरीय संवाददाता। पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था हमारे पूर्वजों की देन है, जो मानव उत्पति के साथ आया है। ये बातें पड़हा राजा शनिचराय सांगा ने कही। वे रविवार को डॉ कामिल बुल्के पथ स्थित एसडीसी सभागार में पेसा नियमावली महासम्मेलन में बोल रहे थे। आयोजन आदिवासी क्षेत्र सुरक्षा परिषद ने की थी। उन्होंने कहा कि अब जेपीआरए 2001 के द्वारा हमारे ऊपर पंचायत व्यवस्था थोपने की कोशिश की जा रही है, हमें पेसा कानून 1996 के 23 प्रावधान चाहिए। पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था से ही हम आदिवासियों का अस्तित्व बचेगा। अध्यक्षता करते हुए पड़हा राजा परगनादार सनिका भेंगरा ने कहा कि हमारे पूर्वजों के अत्याधिक त्याग बलिदान के बाद यह भूभाग हमें मिला है, जहां हमारी अपनी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था है। जिसे ब्रिटिश हुकूमत ने भी स्वीकार किया था और संविधान में पा...