संभल, दिसम्बर 17 -- रसूलपुर धतरा गांव के पास नवंबर महीने में हुए दर्दनाक हादसे में छह लोगों की मौत के बाद गंगा एक्सप्रेसवे पर वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी गई थी। इस हादसे के बाद प्रशासन ने सुरक्षा को देखते हुए एक्सप्रेसवे को बंद करने का निर्णय लिया था, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। प्रतिबंध के बावजूद गंगा एक्सप्रेसवे पर रोजाना वाहन फर्राटा भरते नजर आ रहे हैं। न कोई चेकिंग, न कोई निगरानी और न ही सख्ती-ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर पाबंदी सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गई है क्या? स्थानीय लोगों का कहना है कि एक्सप्रेसवे पर खुलेआम वाहन चल रहे हैं, जिससे फिर से किसी बड़े हादसे की आशंका बनी हुई है। जिम्मेदार विभाग इस पूरे मामले से अनजान बने हुए हैं या जानबूझकर आंखें मूंदे हुए हैं।
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