लोहरदगा, जून 3 -- कुडू , प्रतिनिधि।भगवान की पूजा अर्चना में पाप से आया हुआ धन का खर्च नहीं होना चाहिए। सभी लोगों को पांच अवगुणों से बचना चाहिए। भगवान श्री राम का जन्म यज्ञ से हुआ। जिनका जन्म यज्ञ से हुआ है जो यज्ञ को बचाने के लिए काम किए। सनातन धर्म को देखना है तो राम को देखिए। जिस यज्ञ का उद्वेश्य अच्छा न हो तो यह यज्ञ पूर्ण होने के बाद भी यज्ञ करने कराने वाले का विनाश होना निश्चित है। पाप की कमाई पुण्य में भगवान को स्वीकार नहीं है। अगर लगता भी जाता है तो इसका फल जो मिलना चाहिए वह नहीं मिलता है। रामायण और महाभारत के कुछ संदर्भों का उल्लेख करते हुए सही प्रकार के धन की जानकारी दी। उक्त बाते कुडू में आयोजित पांच दिवसीय शिव परिवार प्राण प्रतिष्ठा सह ज्ञान महायज्ञ के दूसरे दिन रात्रि में अपने प्रवचन में सिद्धाश्रम धाम बक्सर से आए कथा व्यास पौ...