नई दिल्ली, अक्टूबर 3 -- आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ने वाला पापांकुशा एकादशी व्रत भगवान श्रीहरि विष्णु को समर्पित माना गया है। धर्मग्रंथों में इस व्रत को अत्यंत विशेष और दुर्लभ बताया गया है, क्योंकि इसके समान पुण्य प्रदान करने वाला कोई दूसरा व्रत नहीं है। मान्यता है कि जो भी भक्त पूरी श्रद्धा और नियम से इस व्रत का पालन करता है, उसे यमलोक में मिलने वाली कठोर यातनाओं का सामना नहीं करना पड़ता। इतना ही नहीं, यह व्रत मनुष्य के जीवन में किए गए समस्त पापों का क्षय कर देता है और उसे एक ही बार में मुक्ति का मार्ग दिखा देता है। इस दिन भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरूप की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। शास्त्रों में बताया गया है कि जैसे कोई अंकुश हाथी को नियंत्रित कर लेता है, वैसे ही इस एकादशी का पुण्य पापरूपी हाथी को रोक देता है...