नवादा, जून 12 -- नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। रोहिणी नक्षत्र बीत गया। नवादा जिले में बिचड़े का आच्छादन शुरू भी नहीं हो सका। अभी तक नदियों में पानी नहीं आ पाया है, जिससे किसान धान के बिचड़े डालने की हिम्मत ही नहीं जुटा सके। सामान्यत: नवादा जिले में इस दरम्यान लेट वेरायटी धान के बिचड़े डाले जाते हैं, जो अंतत: नहीं लगाया जा सका। इस किस्म के धान की अवधि लगभग 150 दिन होते हैं और यह बेहतर उत्पादकता देती है। जिले के कुछ बड़े किसान इसकी रोपाई में दिलचस्पी रखते हैं लेकिन चाह कर भी इसका बिचड़ा आच्छादन नहीं किया जा सका। रोहिणी नक्षत्र बीतने के बाद अब मृगशिरा और आर्द्रा नक्षत्र का भरोसा रह गया है। मानसून की बारिश की प्रतीक्षा कर किसान सामान्यत: इन्हीं नक्षत्रों में धान का बिचड़ा डाल पाते हैं। जिले में प्रकृति के रहमोकरम पर टिकी खेती-किसानी की बाध्यता...
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