नई दिल्ली, मई 7 -- मदन जैड़ा नई दिल्ली। सीमापार से पोषित आतंकवाद को लेकर भारत का रुख समय के साथ-साथ सख्त हुआ है। यह तीसरा मौका है जब भारत को पाकिस्तान के भीतर चल रहे आतंकी ढांचे को ध्वस्त करने के लिए हमले करने पड़े। इस बार की कार्रवाई पहले से न सिर्फ बड़ी थी बल्कि भारत ने दुनिया को पाकिस्तान की करतूतें दिखाने के लिए सुबूत भी पेश किए। पहलगाम में जिस प्रकार से लोगों से धर्म पूछकर, उनकी पत्नी, बच्चों और परिजनों के सामने सिर पर गोली मारी गई। कपड़े उतरवाए गए, उसे देखा जाए तो यह हमला पहले के आतंकी हमलों से ज्यादा बर्बर था। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने भी अपने बयान में इसका उल्लेख किया। यह ऐसा हमला भी था, जिसमें मुंबई हमले के बाद सर्वाधिक नागरिक मारे गए। भारत ने 18 सितंबर 2016 को उरी में सेना के शिविर पर हुए आतंकी हमले का जवाब 11वें दिन यानी 28 सि...