पाकुड़, दिसम्बर 3 -- पंजाब, हरियाणा सहित अन्य प्रदेशों की तरह पाकुड़िया प्रखंड में भी खेतों में किसानों द्वारा पराली जलाने का प्रचलन यहां तेजी पकड़ने लगा है। जिससे ठंढ़ और कोहरे के इस मौसम में यहां भी वायु की शुद्धता प्रभावित होती महसूस होने लगी है। एक किसान की देखा देखी दूसरे, तीसरे किसान भी खेतों में ही पराली जलाने लगे हैं। इससे प्रदूषण बढ़ने का खतरा मंडराने लगा है। साथ ही पशुओं के लिए चारा आदि की भी कमी होने का खतरा मंडराने लगा है। इससे खेतों की उत्पादकता पर भी असर पड़ने की संभावना है। दरअसल इन दिनों समय की बचत, खेतों से धान ढोकर घर लाने की झंझट, मजदूरों के पलायन के फलस्वरूप कामकाजी सहयोगियों की कमी और मशीनीकरण की नई तकनीक से प्रभावित होकर अब किसान भी पंजाब, हरियाणा की नकल करने लगे हैं जिससे अमूनन रात में खेतों में पराली जलती देखना यहां...
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