नई दिल्ली, सितम्बर 23 -- पाकिस्तान के क्रिकेटरों की अंग्रेजी के चर्चे हमेशा रहते हैं। बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान इसके ताजा उदाहरण हैं, लेकिन भारत के खिलाफ एशिया कप 2025 सुपर 4 मैच में अर्धशतक जड़ने वाले साहिबजादा फरहान का भी हाथ इंग्लिश के मामले में तंग है। इतना ही नहीं, पाकिस्तान के पत्रकारों की हालत भी इस मामले में खस्ता ही नजर आती है, क्योंकि उनको यही नहीं पता है कि Do or Die और Do and Die में अंतर क्या है। ऐसा लगता है कि पाकिस्तानी पत्रकार अंगूठा छाप हैं। करो या मरो का मुकाबला आपने सुना होगा, लेकिन क्या आपने सुना है कि करो और मरो का मुकाबला? जाहिर है कि नहीं सुना होगा, क्योंकि इस लफ्ज का इस्तेमाल ही नहीं होता और इसका कोई मतलब भी नहीं है। यही अंतर न तो पाकिस्तान के पत्रकारों को पता है न ही गन सेलिब्रेशन करने वाले साहिबजादा फरहान को। तभ...