बुलंदशहर, अप्रैल 25 -- पाकिस्तान से 12 साल बाद आए खुशी खुशी आए थे,यहां एंजॉय करेंगे। हमें नहीं पता पहलगाम में कौन आतंकवादी हैं, किसने किया क्या किया? जिसने भी किया बहुत बुरा किया। अल्लाह ताला सब देख रहा है। अल्ला बहुत बड़ा है, वो देख रहा ये जो भी हैं, मुसलमान हों या हिन्दू हों। दिली तकलीफ हो रही है। हम खुशी-खुशी आए थे और अब रोते हुए जा रहे हैं। हम यहां नुमाइश देखने आते थे। बहुत ही दुख की बात है। कोई भी इससे खुश नहीं है। ऊपरवाला बेहतर करे। दोनों मुल्कों के रिश्ते कायम रहें। यह बातें गुरुवार को बुलंदशहर से बाघा-अटारी बॉर्डर के लिए रवाना होते समय रुदाबा, नौशाबा, खालिदा और सबाहत ने कहीं। उन्होंने बताया कि 15 दिन पहले स्याना में अपने मायके स्याना आई थीं। अब वापस जा रहे हैं।

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