नई दिल्ली, नवम्बर 19 -- 'मैं पाकिस्तान का प्रीमियम फास्ट बोलर हूं।' याद आया कुछ। तो ये भी याद आया होगा कि स्वघोषित प्रीमियर फास्ट बोलर का एशिया कप में क्या हश्र हुआ था। वैसे भी पाकिस्तान और पाकिस्तानियों के लिए आत्ममुग्धता और शेखी बघारना कोई नई चीज नहीं है। खुद पर मोहित होने का ऐसा शगल जो हास्यास्पद की हद तक जाता है। चाहें हुक्मरान हों या खिलाड़ी या फिर पत्रकार ही क्यों न हों। अब एक पाकिस्तानी पत्रकार को ही देख लीजिए। उसे जिम्बाब्वे के कप्तान के मुंह से बस ये सुनना था कि पाकिस्तान एशिया की दूसरी बेस्ट टीम है। सिर्फ बेस्ट पूछता तब तो दूर तक पाकिस्तान का नाम नहीं आना था क्योंकि वो तो भारत है। इसलिए सेकंड बेस्ट भी पूछा कि बंदा पाकिस्तान का नाम ले लेगा। लेकिन जिम्बाब्वे के कप्तान सिकंदर रजा ने ऐसा जवाब दिया कि वो पाकिस्तानी पत्रकार ही नहीं, त...