गाजीपुर, सितम्बर 1 -- गाजीपुर, संवाददाता। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत होने वाले विकास कार्यों में बजट की बाधा के कारण काम की रफ्तार धीमी हो गयी है। गाजीपुर में करीब पांच हजार श्रमिकों का चार माह से मानदेय नहीं मिला है। इससे श्रमिकों का करीब 14 करोड़ 22 लाख रूपये बकाया है। मानदेय नहीं मिलने की वजह से 1238 ग्राम पंचायतों में मनरेगा से संबंधित विकास कार्य की रफ्तार थम सी गयी है। मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्र में कच्ची सड़क बनाए जाने, तालाब खोदाई, पंचायतघरों का निर्माण, प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना में आवासों का निर्माण आदि कार्य कराए जाते हैं। मनरेगा मजदूरों को 237 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी दी जाती है। कम से कम सौ दिन के रोजगार की गारंटी होती है। बीते चार माह से पांच हजार मनरेगा से जुड़े श...