हिन्दुस्तान ब्यूरो, सितम्बर 15 -- कार्यकाल समाप्त कर रही 17वीं विधानसभा कई मायनों में ऐतिहासिक रही। पहली बार दो पक्षों में ऐसी कांटे की टक्कर देखने को मिली। हालांकि दो गठबंधनों के बीच हुए कड़े मुकाबले में एनडीए बीस साबित हुआ। महज तीन सीटों के अंतर से एनडीए को बहुमत मिला। महागठबंधन भी बहुमत से केवल 12 सीट ही पीछे रहा। वर्ष 2020 का यह चुनाव इस मायने में भी हमेशा याद किया जाएगा कि अंतिम परिणाम आने तक एनडीए और महागठबंधन दोनों के नेताओं की सांसें अटकी थीं। यह विधानसभा काफी उठापटक वाली भी रही। इसके पांच वर्षों में दो बार एनडीए की तो एक बार महागठबंधन की सरकार बनी। हालांकि तीनों सरकारों का नेतृत्व नीतीश कुमार ने ही किया। सरकार में जदयू के साझीदार बदलते रहे। राजद 75 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बना, जबकि भाजपा को उससे केवल एक सीट कम 74 आई। जदयू केवल...
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