मुजफ्फरपुर, मार्च 1 -- मुजफफरपुर। कॉलेजों से लेकर पीजी विभागों तक सेवा देने के बाद भी बीआरएबीयू के अतिथि प्राध्यापक नियमित होने की प्रतीक्षा में हैं। इनका दर्द है कि नाम में अतिथि शब्द जुड़ा होने के बाद वह सम्मान नहीं पा रहे हैं, जो नियमित शिक्षकों को दिया जाता है। बात-बात पर यह अहसास दिलाया जाता है कि वे अस्थायी हैं, जबकि उनकी ड्यूटी कई मायनों में नियमित शिक्षकों से अधिक है। शिक्षण कार्य के साथ कॉलेज और पीजी विभाग के अन्य कामों में भी उनके कंधों पर कई जिम्मेदारियां हैं, जिन्हें वे शत-प्रतिशत पूरा करते हैं। इसके बाद भी दूसरी श्रेणी के ही शिक्षक कहे जाते हैं। अनिश्चितताओं में जी रहे अतिथि प्राध्यापकों को सेवा नियमितीकरण, ससमय वेतन और सुविधाओं की दरकार है। बीआरएबीयू में 500 अतिथि प्राध्यापक कार्यरत हैं। वर्ष 2020 में विवि ने इनकी नियुक्ति की...