रामपुर, अप्रैल 18 -- जिला अस्पताल में पहला लिक्विड मेडिकल आक्सीजन प्लांट पांच लाख रुपये की वजह से सफेद हाथी की तरह खड़ा है। इस आक्सीजन प्लांट में डाले जाने वाला लिक्विड खत्म हो चुका है। लिक्विड रीफिलिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग को बजट नहीं मिल सका है। नतीजन, इसके बंद होने से आक्सीजन सिलिंडरों को बाहर से मंगाना पड़ रहा है। जिसके लिए हर माह 20 से 25 हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। मरीजों को आक्सीजन देने के लिए जिला अस्पताल में दो आक्सीजन प्लांट पहले से लगे हुए हैं। इन आक्सीजन प्लांटों से आक्सीजन की सीधे आपूर्ति होती है। इन प्लांटों से बनी आक्सीजन को स्टोर नहीं किया जा सकता है। इसी कारण दो प्लांट होने के बाद भी जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए आक्सीजन सिलिंडर बाहर से मंगाने पड़ते थे। इस पर हर माह 20 से 25 हजार रुपये का खर्च आ रहा था। इसक...
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