बांका, नवम्बर 29 -- धोरैया (बांका) संवाद सूत्र बांका जिले का धोरैया प्रखंड पूरी तरह कृषि प्रधान क्षेत्र है। यहां की अधिकांश आबादी अपनी आजीविका का आधार खेती को ही मानती है। खेती ही लोगों की आय, दैनिक जरूरतों की पूर्ति और पारिवारिक दायित्वों का प्रमुख साधन है। लेकिन जिस कृषि पर पूरा प्रखंड टिका हुआ है, वही आज विभागीय उपेक्षा और लापरवाही की वजह से संकट के दौर से गुजर रहा है। कारण-धोरैया के किसानों के लिए जीवनदायिनी मानी जाने वाली श्रीपाथर प्रशाखा नहर की बदहाली, जिसका टूट चुका बांध पिछले पांच माह से मरम्मत का इंतजार कर रहा है। धोरैया प्रखंड की पूरी आर्थिक संरचना कृषि पर आधारित है। ऐसे में नहर प्रणाली का दुरुस्त रहना अत्यंत आवश्यक है। यदि सिंचाई व्यवस्था ठीक न हो, तो युवाओं का पलायन बढ़ेगा और किसान कर्ज के बोझ तले दबते जाएंगे। किसानों ने उम्मी...