रुद्रपुर, मई 26 -- रुद्रपुर, संवाददाता। सोमवती अमावस्या पर पांच मंदिर में वट सावित्री व्रत के तहत सुहागिन महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा-अर्चना कर पतियों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना की। सुबह से महिलाओं ने नहा-धोकर निर्जला व्रत रखा और पारंपरिक परिधानों में सजकर मंदिरों में पहुंचीं। पूजा के दौरान महिलाओं ने वट वृक्ष की सात परिक्रमा कर कलावा बांधा और रक्षा कवच तैयार किया। मान्यता है कि वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवों का वास होता है, इसीलिए इसकी पूजा का विशेष महत्व है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, सावित्री एक समर्पित पत्नी थी, जिसके पति सत्यवान की युवावस्था में मृत्यु तय थी। जब मृत्यु के देवता यम, सत्यवान की आत्मा को लेने आए तो सावित्री के दृढ़ निश्चय और बुद्धिमत्ता ने यम को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने उसे वरदान दे दिया।...