पूर्णिया, दिसम्बर 11 -- अमौर, एक संवाददाता।रौटा थाना क्षेत्र के दिंघौच गांव में मजदूर महजूब आलम के घर की मानो सारी खुशियां ही खत्म हो गयी हो। दरअसल मंगलवार शाम मौत की नींद सो चुके इनायत पांच बहनों पर इकलौता भाई था। जिस पर घर के सदस्य जान छिड़कते थे। महजूब ने दो शादियां की। पहली पत्नी से तीन बेटियां हुई। दूसरी से पत्नी इनायत के अलावा दो बेटियां हुई। घर के इकलौते चिराग होने के कारण इनायत पर मां और पिता का प्यार खूब बरसता था। बच्चे के पिता का कहना है कि इनायत का मतलब कृपा, दया, एहसान, उपकार या परोपकार होता है, जो अक्सर ईश्वर की ओर से मिलने वाली रहमत या किसी की मेहरबानी के लिए इस्तेमाल होता है। यह अरबी मूल का शब्द है और इसे नाम के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए उन्होंने अल्लाह का तोहफा समझकर उसका नाम इनायत रखा और फिर उसकी देखभाल करने...
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