चंदौली, जुलाई 2 -- चंदौली। मुहर्रम की पांचवीं को नगर स्थित अजाखाना-ए-रजा में अलम और ताबूत का जुलूस निकाला गया। अजादारों ने बकाएदे अलम और ताबूत को चूमकर दुआएं मांगी। साथ ही इमाम हुसैन की कुर्बानी को अपनी खिराजे अकीदत पेश किया। वहीं दुलहीपुर की अंजुमन नासेरूल अजा ने नौहाख्वानी और मातम कर इमाम हुसैन को याद किया। इस दौरान वाराणसी, मिर्जापुर, सिंकदरपुर, डिग्घी, लौंदा की अंजुमन समेत नगर के अजादार मौजूद रहे। अजाखाना-ए-रजा में आयोजित मजलिस के दौरान मौलाना मोहम्मद मेंहदी ने कहा कि करबला की दास्तान इंसानी रिश्तों के लिए एक मिसाल है। इमाम हुसैन के बहन जैनब, भाई अब्बास, बेटे अली अकबर समेत एक-एक ने मुसीबत के वक्त जुटकर और अपने प्राणों का बलिदान देकर साबित किया कि इंसानी रिश्ते असल में कैसे होने चाहिए। उन्होंने कहा कि भाईचारा और देश प्रेम इस्लाम की शिक...