लखनऊ, अक्टूबर 30 -- लखनऊ नगर निगम की कार्यकारिणी की बैठक गुरुवार को भारी हंगामे के बीच अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। बैठक में महापौर और कार्यकारिणी सदस्यों ने प्रशासन पर पिछली बैठकों में पारित प्रस्तावों को ठंडे बस्ते में डालने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। महापौर सुषमा खर्कवाल ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि जब तक पुराने प्रस्तावों पर अमल नहीं होगा, तब तक नई बैठक नहीं बुलाई जाएगी। बैठक शुरू होते ही माहौल गरमा गया। कार्यकारिणी सदस्य पृथ्वी गुप्ता और अरुण राय बैठक कक्ष में ही जमीन पर बैठ गए और नारेबाजी शुरू कर दी। उनका कहना था कि नगर निगम प्रशासन जनहित के मुद्दों पर उदासीन रवैया अपनाए हुए है। कई पार्षद भी उनके साथ धरने में शामिल हो गए। पार्षदों का आरोप था कि सफाई व्यवस्था चरमरा गई है, सड़कों के गड्ढे महीनों से नहीं भरे गए हैं...