अररिया, नवम्बर 6 -- रानीगंज, एक संवाददाता। रानीगंज के सुदूर देहाती क्षेत्र अंतर्गत नंदनपुर पंचायत से कई बार पैक्स अध्यक्ष रह चुके करीब 75 वर्षीय परमानंद यादव पुराने दिनों में हुए चुनाव के समय प्रचार प्रसार को लेकर सवाल पूछने पर काफी रोमांचित हुए। हिन्दुस्तान से बात करते हुए कहते है कि उन दिनों की बातें ही कुछ अलग हुआ करती थी। तभी न गाजे बाजे का इतना शोर था न ही इतनी गाड़ियां थी। उस समय सादगी से प्रचार प्रसार होता था। कार्यकर्ता सच्चे थे उनमें ईमानदारी थी। वे बताते है कि चार पांच दशक पहले चुनाव प्रचार के साधन सीमित थे। उस समय पोस्टर, झंडे, बैनर और हाथ से लिखे पर्चों का उपयोग किया जाता था। उम्मीदवार गांव-गांव जाकर जनसभाएं करते थे और लाउडस्पीकर से भाषण दिए जाते थे। प्रचार के लिए बैलगाड़ी, साइकिल या पैदल यात्रा होती थी। नेता जनता से सीधा संवाद ...